मुज़फ़्फ़र नगर
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मुज़फ़्फ़र नगर | |
प्रदेश - जिलाएँ |
उत्तर प्रदेश - मुज़फ़्फ़र नगर जिला |
स्थान | 29.11° N 78.00° E |
क्षेत्रफल | 4049 स.की.मी |
समय मण्डल | IST (UTC+5:30) |
जनसंख्या (2001) - घनत्व |
35,43,360 - 31,600/स.कि.मी. |
महापौर | |
नगर पालिका अध्यक्ष | |
वेबसाइट: http://muzaffarnagar.nic.in/ |
मुज़फ़्फ़र नगर en:Muzaffar Nagar भारत (India) के राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का एक जनपद (जिला) (District) है।
अनुक्रमणिका |
[बदलें] भौगोलिक तथ्य (Geographic Information)
यह समुद्र तल से 237-245 मीटर ऊपर, दिल्ली से लगभग 116 किमी दूर, उत्तर प्रदेश के उत्तर में उत्तरी अक्षांश 29º 11' 30 से 29º 45' 15" तक और पूर्वी रेखांश 77º 3' 45" से 78º 7' तक स्थित है। यह राष्ट्रीय राज मार्ग 58 पर मेरठ मण्डल के अंतर्गत गंगा और यमुना के दोआब में, दक्षिण में मेरठ और उत्तर में सहारनपुर जिलों के बीच स्थित है। पश्चिम में यमुना नदी मुज़फ़्फ़र नगर को हरियाणा के पानीपत और करनाल से और पूर्व में गंगा नदी उत्तर प्रदेश के बिजनोर जिले से अलग करती है। मुज़फ़्फ़र नगर का क्षेत्रफल (वर्ष 2000 में) 4049 वर्ग किलोमीटर (19,63,662 एकड़) है। मुजफ़्फ़र नगर में पहली जनसंख्या 1847 में हुई और तब मुजफ़्फ़र नगर की जनसंख्या 537,594 थी। 2001 की जनसंख्या के अनुसार मुज़फ़्फ़र नगर जिले की आबादी 35,43,360 (18,93,830 पुरूष और 16,49,530 महिला, 26,39,480 ग्रामीण और 9,03,880 शहरी, 17,80,380 साक्षर, 4,78,320 अनुसूचित जाति और लगभग 90 अनुसूचित जनजाति) है और औसत 31,600 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर में रहते हैं। मुज़फ़्फ़र नगर जिले में 2 लोक सभा, 9 विधान सभा, 5 तहसिल, 14 खण्ड (ब्लोक), 5 नगर पालिकाएं, 20 टाऊन एरिया, 1027 गांव (2003-04 में केवल 886 गाँवों में बिजली थी), 28 पुलिस स्टेशन, 15 रेलवे स्टेशन (उत्तरी रेलवे, 1869 में रेलमार्ग आरम्भ हुआ) हैं। 2001 में 557 औघोगिक कम्पनियाँ और 30,792 स्माल स्केल कम्पनियाँ थी।
[बदलें] इतिहास (History)
इतिहास और राजस्व प्रमाणों के अनुसार दिल्ली के बादशाह, शाहजहाँ, ने सरवट (SARVAT) नाम के परगना को अपने एक सरदार सैयद मुजफ़्फ़र खान को जागीर में दिया था जहाँ पर 1633 में उसने और उसके बाद उसके बेटे मुनव्वर लश्कर खान ने मुजफ़्फ़र नगर नाम का यह शहर बसाया।
परन्तु इस स्थान का इतिहास बहुत पुराना है। काली नदी के किनारे सदर तहसिल के मंडी नाम के गाँव में हड़प्पा कालीन सभ्यता के पुख्ता अवशेष मिले हैं। अधिक जानकारी के लिये भारतीय सर्वेक्षण विभाग वहां पर खुदाई कार्य करवा रहा है। सोने की अंगूठी जैसे आभूषण और बहुमूल्य रत्नों का मिलना यह दर्शाता है कि यह स्थान प्राचीन समय में व्यापार का केन्द्र था। महाभारत कालीन हस्तिनापुर और कुरूक्षेत्र नगरों से निकटता इस तथ्य को बल देती है।
तैमूर आक्रमण के समय के फारसी इतिहास में भी इस स्थान का वर्णन मिलता है। 1399 में गंगा के किनारे भोकड़ हेड़ी स्थान पर बड़ी संख्या में हिन्दुओं ने तैमूर की सेना का सामना किया था परन्तु सुव्यवस्थित न होने के कारण पराजित हो गये। लम्बे समय तक मुगल आधिपत्य में रहने के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1826 में मुज़फ़्फ़र नगर को जिला बना दिया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में शामली के मोहर सिंह और थानाभवन के सैयद-पठानों ने अंगेजों को हरा कर शामली तहसिल पर कब्जा कर लिया था परन्तु अंग्रेजों ने क्रूरता से विद्रोह का दमन कर शामली को वापिस हासिल कर लिया। 6 अप्रैल 1919 को डा0 बाबू राम गर्ग, उगर सेन, केशव गुप्त आदि के नेतृत्व में इण्डियन नेशनल कांगेस का कार्यालय खोला गया और पण्डित मदन मोहन मालवीय, महात्मा गांधी, मोती लाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, सरोजनी नायडू, सुभाष चन्द्र बोस आदि नेताओं ने समय-समय पर मुज़फ़्फ़र नगर का भ्रमण किया। खतौली के पण्डित सुन्दर लाल, लाला हरदयाल, शान्ति नारायण आदि बुद्धिजीवियों ने स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने पर केशव गुप्त के निवास पर तिरंगा फ़हराने का कार्यक्रम रखा गया।
[बदलें] कुछ रोचक तथ्य (Some Interesting Facts)
मुज़फ़्फ़र नगर से जुड़ी एक और खास बात है, पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली ख़ान मुज़फ़्फ़र नगर के निवासी थे।
मुजफ़्फ़र नगर जिले के भोपा के पास यूसूफ़पुर गांव के रमेश चन्द धीमान ने 3.12 मिली मीटर की कैंची और 4.50 मिली मीटर का रेजर बना कर गिनीज बुक और लिमका बुक में अपना नाम लिखा मुजफ़्फ़र नगर या।
1952 में मुजफ़्फ़र नगर में पहली बार स्वतंत्र गणतंत्र के चुनाव हुए और उत्तरी मुजफ़्फ़र नगर से कांग्रेस के अजीत प्रसाद जैन और दक्षिणी मुजफ़्फ़र नगर से कांग्रेस के हीरा बल्लभ त्रीपाठी चुने गये।
[बदलें] सन्दर्भ (Reference)
http://muzaffarnagar.nic.in/,mm