कम्प्यूटर वायरस
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कंप्यूटर शब्दावली में वायरस एक ऐसा स्व-जनित प्रोग्राम है जो अपनी प्रतिलिपियों (copies) को दूसरे प्रोग्रामों में या फ़ाइलों में डालकर स्वयं को फ़ैलाता है। इस प्रकार यह जैविक विषाणु (virus) की तरह ही काम करता है जो जीवित कोशिकाओं में घुसकर स्वयं की वृद्धि करते हैं। कंप्यूटर के कई हानिकारक प्रोग्रामों में वायरस एक है। अन्य हानिकारक प्रोग्रामों जैसे वर्म एवं ट्रोजन को भी लोग सामान्यत: वायरस कह देते हैं। कुछ वायरस काफ़ी नुकसानदायक होते हैं जैसे डाटा (आंकड़ों) को मिटाने वाले और कुछ ऐसे जो केवल थोड़ा परेशान करते हैं जैसे किसी संदेश को स्क्रीन पर दिखाना।
कंप्यूटर का वायरस इंसानों को प्रभावित करने वाले वायरस जैसा ही होता है. जिस तरह जैविक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुँचता है ठीक वैसे ही कंप्यूटर वायरस भी एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुँचता है. किसी प्रोगाम या डॉक्यूमेंट में छिप कर, या किसी की शरारत के कारण, यह वायरस एक साथ कई कंप्यूटरों में पहुँच सकता है. जब ऐसे प्रोग्राम को चलाया जाता है तो वायरस कंप्यूटर में महत्वपूर्ण हिस्सों को प्रभावित कर उसे बीमार कर देता है. इस समय दुनिया भर में कम से कम सात हज़ार कंप्यूटर वायरस हैं.